251+ Kismat shayari : किस्मत शायरी | Kismat Shayari in hindi


किस्मत शायरी दो लाइन






सच देखना भी हर किसी के वश में नहीं होता,
इंसान भी बेबस है अपनी किस्मत के आगे।

कितने सच कितने अफ़साने,
कैसी ये रेखाओं की बस्ती है,
वही मुकम्मल है ताने बाने,
जो ये किस्मत बुना करती है।



जिंदगी में चुनौतियां हर किसी के हिस्से में नहीं आती है,
क्योंकि किस्मत भी किस्मत वालों को ही आजमाती है !

मुक़द्दर की लिखावट का एक ऐसा भी काएदा हो,
देर से किस्मत खुलने वालो का दुगुना फायेदा हो।

जैसे बिछड़ने की जल्दबाजी हो,
मिलकर भी ऐसे बिछड़ना हुआ,
जैसे कायनातए किस्मत की जालसाजी हो।



किस्मत वही है जो हम बनाते है,
किस्मत बदल लेते है जिन में,
मेहनत करने का हुनर होता है !

किसी को घर से निकलते ही मिल गई मंज़िल 
कोई हमारी तरह उम्र भर सफ़र में रहा 

ए खुदा किसी एक का तो नसीब बदल दे 
चाहे उसे मेरा या मुझे उसका कर दे



हैरान हो जाएंगे देखकर दुनिया वाले मेरी बरकत को,
कुछ इस कदर बदल देंगे हम अपनी किस्मत को !

कभी किस्मत, कभी वक़्त पर इल्ज़ाम,
कभी गलती सितारों की तो कभी दूसरों का नाम,
कितने पर्दे हाज़िर हैं यहां,
ख़ुद को छुपाने के लिए||



किस्मत कि लकीरों में तुम लिखे हो या नही पता नहीं,
पर हाथों की लकीरों पे तुम्हें हर रोज लिखता हूँ।

सूरत कितनी ही 'खुबसुरत क्यो न हो...?
नसीब की मोहताज हुआ करती है

जो क़िस्मत में होगा वो ख़ुद चलकर आएगा,
जो नहीं होगा वो पास आकर भी दूर चला जाएगा..!!



मेरा कसूर नहीं जे मेरी किस्मत का कसूर है
जिसे भी अपना बनाने की कोशिश करता हूँ
वो ही दूर हो जाता है!

लेके अपनी-अपनी क़िस्मत, आए थे गुलशन में गुल,
कुछ बहारों में खिले, कुछ ख़िज़ाँ में खो गए।



किस्मत कि लकीरों में तुम लिखे हो या नही पता नहीं,
पर हाथों की लकीरों पे तुम्हें हर रोज लिखता हूँ..!!

मोहब्बत की आजमाइश दे दे कर थक गया हू ऐ खुदा,
किस्मत मे कोई ऐसा लिख दे,
जो मौत तक वफा करे।

किस्मत शायरी




दिल टुटा इस कदर की
धड़कना भूल गया
किस्मत अच्छी थी जो
आपने आकर मेरे दिल को थाम लिया!

किस्मत भी उनका साथ देती है,
जिनमें कुछ कर गुजरने की हिम्मत होती है..!!



मुझ में और किस्मत में हर बार बस यही जंग रही,
मैं उसके फैसलें से तंग और वो मेरे हौसले से दंग रही..!!

मेरी क़िस्मत की लड़ाई में खुद लडूंगा, 
चाहें वो मिले ना मिले, 
मेरी ज़िन्दगी है मैं खुद जीऊंगा।

फिर शान इस शहर को नई आप से मिली
मुस्कान इस शहर को नई आप से मिली
पाकर के साथ आपका किस्मत बदल गयी
पहचान इस शहर को नई आप से मिली।



नसीब के खेल को भी 
अजीब तरह से खेला है हमने,
जो ना थे नसीब में 
उसी को टूट कर चाह बैठे

कितने सच कितने अफ़साने,
कैसी ये रेखाओं की बस्ती है,
वही मुकम्मल है ताने बाने,
जो ये किस्मत बुना करती है।



वक्त और किस्मत पर कभी घमंड मत करों,
क्योंकि सुबह उनकी भी होती है जिन्हें कोई याद नहीं करता है..!!

क्या खूब मैनें किस्मत पाई है खुदा ने कहा हंसकर
संभाल कर रख पगले ये मेरी पसंद है जो तेरे हिस्से में आई है !!

कौन कहता है हम उसके बिना मर जायेंगे 
हम तो दरिया है समंदर में उतर जायेंगे 
वो तरस जायेंगे प्यार की एक बून्द के लिए 
हम तो बादल है प्यार के किसी और पर बरस जायेंगे 



रास्ते मुश्किल है पर हम मंज़िल ज़रूर पायेंगे,
ये जो किस्मत अकड़ कर बैठी है इसे भी ज़रूर हरायेंगे..!!

चाँद का क्या कसूर अगर रात बेवफा निकली
कुछ पल ठहरी और फिर चल निकली
उन से क्या कहे वो तो सच्चे थे
शायद हमारी तकदीर ही हमसे खफा निकली !!



होठो की बात ये आँसू कहते है,
चुप रहते है फिर भी बहते है,
इन आँसुओ की किस्मत तो देखिए,
ये उनके लिए बहते है जो दिल मे रहते है..!!

तकदीर किस्मत शायरी



बिकने वाले और भी है जाओ जाकर खरीद लो,
हम कीमत से नहीं किस्मत से मिला करते है..!!

कोशिश भी कर उमीद भी रख रास्ता भी चुन
फिर इस के ब'अद थोड़ा मुक़द्दर तलाश कर

बुलबुल को बाग़बाँ से न सय्याद से गिला 
क़िस्मत में क़ैद लिक्खी थी फ़स्ल-ए-बहार में 



रोज़ वो ख़्वाब में आते हैं गले मिलने को
मैं जो सोता हूँ तो जाग उठती है क़िस्मत मेरी !

तुम जब मुझे मिल गये, तब मुझे विश्वास हो गया कि,
किस्मत इससे ज्यादा मुझ पर मेहरबानी नहीं कर सकती है..!!



मुझ में और किस्मत में हर बार बस यही जंग रही,
मैं उसके फैसलें से तंग और वो मेरे हौसले से दंग रही।

कोशिश भी कर उमीद भी रख रास्ता भी चुन
फिर इस के ब'अद थोड़ा मुक़द्दर तलाश कर



अपने हाथों अपनी किस्मत बिगाड़ा हूँ,
जिंदगी एक खेल है और मैं अनाड़ी हूँ।

ये न थी हमारी क़िस्मत कि विसाल-ए-यार होता
अगर और जीते रहते यही इंतिज़ार होता

तकदीर बनाने वाले तूने भी हद कर दी,
तकदीर में किसी और का नाम लिखा था,
और दिल में चाहत किसी और की भर दी..!!



किस्मत के भरोसे बैठ जाने से किस्मत सोयी ही रहती है,
हिम्मत कर खड़े होने पर भाग्य भी खड़ा हो उठता हैं..!!

क्या खूब मैनें किस्मत पाई है
खुदा ने कहा हंसकर
संभाल कर रख पगले
ये मेरी पसंद है जो तेरे
हिस्से में आई है !!



जब भी रब दुनिया की किस्मत में चमत्कार लिखता है.
मेरे नसीब में थोड़ा और इंतज़ार लिखता है।

वो तिरे नसीब की बारिशें किसी और छत पे बरस गईं
दिल-ए-बे-ख़बर मिरी बात सुन उसे भूल जा उसे भूल जा



यहाँ किसी को भी कुछ हस्ब-ए-आरज़ू न मिला 
किसी को हम न मिले और हम को तू न मिला 

मेरा कसूर नहीं जे मेरी किस्मत का कसूर है
जिसे भी अपना बनाने की कोशिश करता हूँ
वो ही दूर हो जाता है!



अपने प्यार को देख कर अक्सर ये एहसास होता हे,
जो तक़दीर में नहीं होता वही इंसान ख़ास होता हे..!!

लिखा है मेरी तक़दीर में तेरा नाम
दुनिया से क्या डरना
चाहे लाख कोशिश कर ले जमाना
मुमकिन नही हमको तुम से जुदा कर पाना!

Life kismat shayari




मुझको बदन नसीब था पर रूह के बग़ैर
उसने दिया भी फूल तो ख़ुशबू निकाल कर

किस्मत पर रोना मैंने छोड़ दिया,
अपनी उम्मीदों को मैंने हौसलों से जोड़ दिया।



खूब पढ़ाई करके सोचा था,
चमकाऊंगा मैं मेरी किस्मत,
लेकिन हासिल कुछ न हुआ,
क्योंकि इंटरव्यू में चली थी रिश्वत..!!

मेरा कसूर नहीं जे मेरी किस्मत का कसूर है
जिसे भी अपना बनाने की कोशिश करता हूँ वो ही दूर हो जाता है!



मुक़द्दर की लिखावट का
एक ऐसा भी काएदा हो,
देर से किस्मत खुलने वालो
का दुगुना फायेदा हो||

ज़माने से ना डर जरा किस्मत पे भरोसा कर
जब तक़दीर लिखने वाले ने लिखा है साथ
तो फिर किस बात का है दर!



खुद में ही उलझी हुई है जो मुझे क्या सुलझायेगी,
भला हाथों की चंद लकीरें भी क्या किस्मत बताएगी..!!

मिलना था इत्तिफ़ाक़ बिछड़ना नसीब था
वो उतनी दूर हो गया जितना क़रीब था



वक्त और किस्मत पर कभी घमंड ना करे
सुबह उनकी भी होती है जिन्हें कोई याद नही करता!

मेरे किस्मत के लकीरो का आप ताज बन जाओ ,
कल की बात छोड़ो आप मेरे आज बन जाओ..!!



जो क़िस्मत में होगा वो ख़ुद चलकर
आएगा,जो नहीं होगा वो पास आकर
भी दूर चला जाएगा।

कभी पत्थर मुक़द्दर लिख नहीं सकता मगर समझो
जिसे पत्थर में ढूँढो हो तुम्हारे पास ही तो है



आपको किस्मत समझकर गले लगाया था,
भूल गए थे की किस्मत को बदलते देर नहीं लगती..!!

हैरान हो जाएंगे देखकर दुनिया वाले मेरी बरक़त को,
कुछ इस कदर बदल देंगे हम अपनी किस्मत को।



जैसे बिछड़ने की जल्दबाजी हो, मिलकर भी ऐसे बिछड़ना हुआ,
जैसे कायनातए किस्मत की जालसाजी हो।

तुमसे दूर रहने की
हिम्मत नही मेरी
हरदम तेरे पास रहूं
ऐसी किस्मत कहां है मेरी..!



जिस दिन अपनी किस्मत का सिक्का उछलेगा,
उस दिन हेड भी अपना और टेल भी अपना !

गर डूबना ही अपना मुक़द्दर है तो सुनो
डूबेंगे हम ज़रूर मगर नाख़ुदा के साथ

अहंकार में ही इंसान सब कुछ खोता है
बेवजह किस्मत को दोष देकर रोता है!



अब किस्मत पर कैसा भरोसा जनाब,
जब जान से प्यारे लोग बदल गए,
तो किस्मत भी एक दिन बदल जाएगी।

Kismat shayari on life




मेरी चाहत को मेरे हालात के तराजू में कभी मत तोलना,
मेने वो ज़ख्म भी खाए है जो मेरी किस्मत में नहीं थे.

मिलना था इत्तेफ़ाक बिछड़ना नसीब था
वो इतनी दूर हो गया जितने क़रीब था

जरुरी तो नहीं जीने के लिए सहारा हो
जरुरी तो नहीं हम जिसके हैं वो हमारा हो
कुछ कश्तियाँ डूब भी जाया करती है
जरुरी तो नहीं हर कश्ती का किनारा हो !


मुझ में और किस्मत में हर बार बस यही जंग रही,
मैं उसके फैसलें से तंग और वो मेरे हैसले से दंग रही।

जिंदगी और किस्मत से ज्यादा सवाल
करना फिजूल है भला सवाल किसे पसंद होते है!

इतने कहाँ नसीब कि इससे प्यास बुझाएँ खेल करें
दरिया हम जैसों को अपने पास बिठा ले काफ़ी है



एक बात तो पक्की है,जिनके दिल बहोत अच्छे होते हैं,
अक्सर किस्मत उनकी हीबहुत खराब होती है!

बेकार मत समझना, दुआ की भी पड़ती है जरूरत,
कई बार सिर झुकाने से भी बदलती है किस्मत।

तक़दीर लिखने वाले एक एहसान करदे
मेरे दोस्त की तक़दीर मैं एक और
मुस्कान लिख दे न मिले कभी दर्द उनको
तू चाहे तो उसकी किस्मत मैं मेरी जान लिख दे !!



फिर एक रोज़ मुक़द्दर से हार मानी गयी
ज़बीन चूम के बोला गया "ख़ुदा हाफ़िज़"

जिनकी किस्मत में लिखा हो रोना,
वह मुस्कुरा भी दे तो आंसू निकल आते हैं।

खरीद सकते तो उन्हें अपनी जिंदगी बेचकर खरीद लाते
पर अफसोस कुछ लोग कीमत से नही किस्मत से मिलते है!!


मेरी बेपनाह मोहब्बत का नज़राना हो तुम,
 मेरी चमकी हुई किस्मत का खज़ाना हो तुम।

अपने हाथों अपनी किस्मत बिगाड़ा हूँ,
जिंदगी एक खेल है और मैं अनाड़ी हूँ।

क़िस्मत तो देख टूटी है जा कर कहाँ कमंद 
कुछ दूर अपने हाथ से जब बाम रह गया 



तुझ से क़िस्मत में मिरी सूरत-ए-क़ुफ़्ल-ए-अबजद 
था लिखा बात के बनते ही जुदा हो जाना 

अपनी क़िस्मत में सभी कुछ था मगर फूल ना थे
तुम अगर फूल ना होते तो हमारे होते

बा'द मरने के मिरी क़ब्र पे आया 'ग़ाफ़िल' 
याद आई मिरे ईसा को दवा मेरे बा'द 

Buri kismat shayari




किस्मत मात्र एक छलावा है कर्म के गीत गाओ,
हो गई सुबह ख्वाब छोड़ो हकीकत से आँख मिलाओ।

अब किस्मत पर कैसा भरोसा जनाब,
जब जान से प्यारे लोग बदल गए,
तो किस्मत भी एक दिन बदल जाएगी।

नैरंगी-ए-सियासत-ए-दौराँ तो देखिए 
मंज़िल उन्हें मिली जो शरीक-ए-सफ़र न थे |

मेरे लिखने से अगर बदल जाती किस्मत तो
हिस्से में तेरे सारा जहाँ लिख देती!



ऐ मुस्कुराते शख़्स हमारी तरफ़ न आ
वापिस यहाँ से कोई भी हँस कर नहीं गया

खुद में ही उलझी हुई हैं जो मुझे क्या सुलझायेगीं,
भला हाथों की चंद लकीरें भी क्या किस्मत बताएगीं।

कभी किस्मत, कभी वक़्त पर इल्ज़ाम,
कभी गलती सितारों की तो कभी दूसरों का नाम,
कितने पर्दे हाज़िर हैं यहां, ख़ुद को छुपाने के लिए।



किसी को प्यार करना और उसी
के प्यार को पाना,ये किसी किस्मत
वाले कि किस्मत में ही होता है।

अलमास धरे रह जाते हैं बिकता है तो पत्थर बिकता है
अजनास नहीं इस दुनिया में इंसाँ का मुक़द्दर बिकता है

क्यूं हथेली की लकीरों से हैं आगे उंगलियां रब ने भी किस्मत से आगे मेहनत रखी !!

जुस्तुजू करनी हर इक अम्र में नादानी है 
जो कि पेशानी पे लिक्खी है वो पेश आनी है 

चाँद का क्या कसूर अगर रात बेवफा निकली
कुछ पल ठहरी और फिर चल निकली
उन से क्या कहे वो तो सच्चे थे
शायद हमारी तकदीर ही हमसे खफा निकली !!



किस्मतों से मिलती है ज़िन्दगी इसे यूँ ही मत गवाईये
बेरुखियाँ बेज़ारियाँ जो भी मिले बस अपनाते जाइये..

कभी किस्मत, कभी वक़्त पर इल्ज़ाम,
कभी गलती सितारों की तो कभी दूसरों का नाम,
कितने पर्दे हाज़िर हैं यहां, ख़ुद को छुपाने के लिए। 

क़िस्मत में हमारी मुलाकात लिखी हैं
अब चाहें जितने रास्ते क्यों ना बदल लो..

तुम मिले तो यूँ लगा हर दुआ कुबूल हो गयी,
काँच सी टूटी किस्मत मेरी हीरों का नूर हो गयी।

टूट पड़ती थीं घटाएँ जिन की आँखें देख कर
वो भरी बरसात में तरसे हैं पानी के लिए।



आप अगर किसी के लिए अच्छा करते है तो !!
रब आपके लिए अच्छा करेगा !!

याद कर मेरी चाहत को पहरों रोया करोगे
जब याद आऊँगा मैं दामन अपना भिगोया करोगे..

क़िसमत जब मिलाएगी तुझे मेरे हमनाम से
फिर अश्कों से तुम चेहरा अपना धोया करोगे..

Kharab kismat shayari




कल भी मन अकेला थाएआज भी अकेला है
जाने मेरी किस्मत ने कैसा खेल खेला है’!

लिखा क़िस्मत में जो उसने वही बस हक़ से पाया है
न पाया हक़ से गर होगा बला देगी यही दुनिया



इंसान की किस्मत कितनी भी अच्छी,
क्यों ना हो, उसकी कुछ ख्वाहिशे,
अधुरी रह ही जाती है !

हाथ में चाँद जहाँ आया मुक़द्दर चमका 
सब बदल जाएगा क़िस्मत का लिखा जाम उठा 

जो क़िस्मत में होगा वो ख़ुद चलकर आएगा, 
जो नहीं होगा वो पास आकर भी दूर चला जाएगा।



जिंदगी में चुनौतियाँ,हर किसी के हिस्से में नहीं आती है,
क्योंकि किस्मत भी,किस्मत वालों को ही आजमाती है।

रास्ते मुश्किल है पर हम मंजिल जरूर पायेंगे,
ये जो किस्मत अकड़ कर बैठी है,
इसे भी जरूर हरायेंगे !

कभी मैं अपने हाथों की लकीरों से नहीं उलझा 
मुझे मालूम है क़िस्मत का लिक्खा भी बदलता है 



'अदम' रोज़-ए-अजल जब क़िस्मतें तक़्सीम होती थीं 
मुक़द्दर की जगह मैं साग़र-ओ-मीना उठा लाया 

कोई भी इंसान अपने आप से !!
लड़ के ही अपनी किस्मत बदल सकता है !!

कितना है बद-नसीब 'ज़फ़र' दफ़्न के लिए 
दो गज़ ज़मीन भी न मिली कू-ए-यार में |

किस्मत कि लकीरों में तुम लिखे हो या नही पता नहीं,
पर हाथों की लकीरों पे तुम्हें हर रोज लिखता हूँ।



मैं उस किस्मत का सबसे पसंदीदा खिलौना हूँ,
वो रोज़ जोड़ती है मुझे फिर से तोड़ने के लिए।

अब किस्मत पर कैसा भरोसा करें,
जब जान से प्यारे लोग बदल गए
तो किस्मत भी एक दिन बदल जाएगी !

कल भी मन अकेला थाएआज भी अकेला है
जाने मेरी किस्मत ने कैसा खेल खेला है’!



तदबीर से क़िस्मत की बुराई नहीं जाती 
बिगड़ी हुई तक़दीर बनाई नहीं जाती 

रोज़ वो ख़्वाब में आते हैं गले मिलने को
मैं जो सोता हूँ तो जाग उठती है क़िस्मत मेरी !

True love kismat shayari




टूट पड़ती थीं घटाएँ जिन की आँखें देख कर 
वो भरी बरसात में तरसे हैं पानी के लिए 

ये दिन भी देखना लिखा था मेरी क़िस्मत में
जो थे हबीबए हुए हैं रक़ीब ए जां लोगों!

मुझ में और किस्मत में हर बार बस यही जंग रही,
मैं उसके फैसलें से तंग,
और वो मेरे हैसले से दंग रही !



किस्मत की लकीरों से चुराया था जिसे,
चंद लम्हों के लिए भी वो मेरा ना हुआ।

तक़दीर लिखने वाले एक
एहसान करदे
मेरे दोस्त की तक़दीर मैं एक और
मुस्कान लिख दे
न मिले कभी दर्द उनको
तू चाहे तो उसकी किस्मत मैं
मेरी जान लिख दे !!

जिस दिन अपनी किस्मत का सिक्का उछलेगा,
उस दिन हेड भी अपना और टेल भी अपना !



अगर इश्क़ है तो फिक्र भी बेहद होगी,
उभर गए तो किस्मत, डूब गए तो चाहत होगी।

किस्मत तेरी दासी हैं
यदि परिश्रम तेरा सच्चा हैं
नियत भी साथ देगा
और जीत भी तेरा पक्का हैं !!

किस्मत और मेहनत में बस इतना,
सा फर्क है की किस्मत कभी कभी,
साथ देगी और मेहनत हमेशा साथ देगी !



हम को न मिल सका तो फ़क़त इक सुकून-ए-दिल 
ऐ ज़िंदगी वगर्ना ज़माने में क्या न था |

किस्मत कि लकीरों में तुम लिखे हो या नही पता नहीं,
पर हाथों की लकीरों पे तुम्हें हर रोज लिखता हूँ।

किस्मत कि लकीरों में तुम लिखे हो या नही पता नहीं,
पर हाथों की लकीरों पे तुम्हें हर रोज लिखता हूँ !



ख़ुदा तौफ़ीक़ देता है जिन्हें वो ये समझते हैं 
कि ख़ुद अपने ही हाथों से बना करती हैं तक़दीरें 

ये न थी हमारी क़िस्मत कि विसाल ए यार होता
अगर और जीते रहते यही इंतज़ार होता!

कुछ तेरी फ़ितरत में नहीं थी
वफ़ादारी कुछ मेरी किस्मत में बेवफ़ाई थी
वक़्त को क्या दोश दूँ वक़्त ने
तो बस मुहोब्बत आजमाई थी।



हुनर सड़कों पर तमाशा करता है,
और ” किस्मत ” महलों में राज करती है !

नसीब की खोज गलत ही की इंसान ने !!
जब से इसे ढूँढा है मंज़िल खोजना छोड़ दिया है इंसान ने !!

किसी को याद करना भी किसी को याद आना भी
बहुत तकलीफ़ देता है किसी को भूल जाना भी



सारी दौलत तिरे क़दमों में पड़ी लगती है
तू जहाँ होता है क़िस्मत भी गड़ी लगती है

रोज वो ख्वाब में आते है गले मिलने को,
मैं जो सोता हूँ तो जाग उठती है किस्मत मेरी !

हमारे किस्मत में लिखा था रोना !!
ना जाने तुम कहाँ से हँसाने वाले मिल गए !!



किस्मत और लड़की भले ही धोके देती है
लेकिन जब साथ देती है
तब जिंदगी बदल देती है!

किस्मत को बेकार बोलने वालों
कभी किसी गरीब के पास
बैठकर पूछना जिंदगी क्या है

जिसके लफ्जों में हमे अपना अक़्स मिलता है,
क़िस्मत से ऐसा कोई शख्स मिलता है !



हर तरफ़ छा गए पैग़ाम.ए.मोहब्बत बन कर
मुझ से अच्छी रही क़िस्मत मेरे अफ़्सानों की !!

हासिल कुछ नहीं होता इन हाथ की लकीरों से !!
रोटी भी तोड़नी हों तो ये लकीरें नहीं उंगलियां काम आती है !!

Kismat shayari 2 lines in hindi




क़िस्मत में जो लिखा होगा वो तो बैठे-बैठे मिल जाएगा !!
पर जो तुझे चाहिए वो कभी बैठे-बैठे नहीं मिलेगा !!

किसी कशमकश में रहा होगा खुदा भी
जो उसने मुझे तो तेरी किस्मत में लिखा पर
तुझे मेरी किस्मत में नहीं लिखा।

दुनिया में कुछ भी खुद नहीं बदलता किस्मत भी नहीं !!
उसे खुद बदलना पड़ता है !!



इसी में इश्क़ की क़िस्मत बदल भी सकती थी
जो वक़्त बीत गया मुझ को आज़माने में

सच देखना भी हर किसी के वश में नहीं होता,
इंसान भी बेबस है अपनी किस्मत के आगे !

जिनके दिल बहुत अच्छे होते हैं
अक्सर उन्हीं की किस्मत खराब होती है!



इतिहास में किसी भी सफल व्यक्ति के बारे में पढ़ लो !!
उसने हमेशा खुद पर भरोसा किया है क़िस्मत पर नहीं !!

ये किस्मत की लकीरें नहीं ज़ंजीरें हैं !!
ना जाने कितने लोगों को इसने मेहनत करने से रोक रखा है !!

मेरा कसूर नहीं ये मेरी किस्मत का कसूर है,
जिसे भी अपना बनाने की कोशिश करता हूँ
वो ही दूर हो जाता है !!



जिनकी किस्मत में लिखा हो रोना,
वह मुस्कुरा भी दे तो आंसू निकल आते हैं !

जगह-जगह हाथ दिखाने से कुछ नहीं होगा !!
कुछ करना चाहते हो ज़िन्दगी में तो मेहनत कर के दिखाओ !!

नसीब अच्छे ना हो तो खूबसूरती का कोई फायदा नहीं,
दिलों के शहंशाह अक्सर फकीर होते हैं!



किस्मतवालों को ही मिलती है पनाह मेरे दिल में,
यूं हर शख़्स को तो जन्नत का पता नहीं मिलता !

ना मेरा दिल बुरा था ना उसमे,
कोई बुराई थी सब नसीब का,
खेल है बस किस्मत मे जुदाई थी !

रोज़ वो ख़्वाब में आते हैं गले मिलने को 
मैं जो सोता हूँ तो जाग उठती है क़िस्मत मेरी 



रोना छोड़ दिया अब हमने भी अपनी किस्मत पर,
अब हमने उम्मीदों को हौसले में बदल लिया है !

Thank You





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